गम की बरसात हर शब -ए रात हुई ,
तेरे जाने के बाद बस यही ये बात हुई.
ये आज़माइश थी जो मेरे ही साथ रही
मुद्दतों तक चाँद तारो तुमसे ही बात हुई
कहने से अगर होता तो हम भी कह देते
तेरी आहटों से दिल की ज़मीं आबाद हुई
वही दुनियाँ वही है हम वही यादे चमन है
दीवारें पूछती है सरे शाम से क्या बात हुई
आराधना
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