साभार गुगल इमेज़
आँसू छलक रहे थे मन का करार बन के
तुम भोर का सितारा जगमगए बन के
गोदी में था दुलारा पलाश सा तू दमके
तू मुस्कुराया, झिलमिलाये तार मन के
लगा ज़िन्दगी आई एक बार फिर चल के
तेरे लिए सहे है ज़ोर, ज़ब्र,हर पल सब के
फिर क्यों उदास है तू माँ के साथ हँस दे
आराधना राय
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