गीत
जानवर इंसानियत सीख जाएगा
इंसान, इंसान भी नहीं बन पाएगा
पत्थर भी एक दिन बोल कर जाएगा
मानव तू भी पाषाण ह्रदय हो जाएगा
संवेदना हीन वेदना क्या जान पाएगा
कोई गीत यू ही अधूरा ही रह जाएगा
अस्मां को क्या कोई यू झुका पाएगा
हौसला है गर धरणी धीर कहलाएगा
आराधना राय
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