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एक सौदा कर लिया है इश्क़ के बाज़ार में
तेरे नाम पर मरना जीना तेरे ही नाम पे
तुम्हारी आदतों में मेरी आदतें भी शुमार है
तेरी आवाज़ में मेरी आवाज़ का ख़ुमार है
ये मिरज़ -ए -इश्क़ है नाकामियों के नाम पे
हम खुद आ कर रूक गए है एक तेरे नाम पे
साथ तेरे यू चल पड़ा बस क़ाफ़िला था नहीं
हमसफ़र कोई कहाँ था "अरु" तन्हां ही सही
आराधना राय
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