साभार गूगल
चाँद तुमने ना देखा होगा
बादलों में छुप गया होगा
काली सी सुनसान रातों को
चाँदनी से लिपट गया होगा
महक रही है आँगन में मेरे
बहके से हरसिंगार की तरह
उसी को देखने वो आया होगा
उसे किसी सोच में पाया होगा
सांसों में महके जो ख्याल होगा
'अरु' वो तेरे ही साथ यूँ भी होगा
आराधना राय "अरु"
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