रंज़ मेरा था मेरा, मेरे ही साथ रहा
उम्र भर आह कि वो ही सौगात रहा
दफ़न हो गए होते हम यूँ यहीं कहीं
अब के ज़माना भी मेरे ही साथ रहा
वो कहे रात तो रात ही बस मेरी सही
गमों का सौदा था हमनें हँस के सहा
जानें कौन बिज़लियाँ रोज़ गिराता रहा
ज़मी पे "अरु"अजब सा कुफ़्र ढाता रहा
आराधना राय "अरु "
Rai Aradhana ©
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कुफ़्र =attitude of ingratitude and thanklessness मतलबी ,ज़िस पर ईश्वर कि कृपा ना हो
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