गीत बहारों के नाम लिखती हूँ
मैं तेरा इंतज़ार करती हूँ
रोशनी कम ना थी मेरे दिल में
बस तेरा इंतखाब करती हूँ
सुरमई शाम जब भी आती है
साथ खुशबु संग लाती है
लौट आएगी तेरे दामन में
बच कर ख़ुशी कहाँ जाने वाली है
मैं सजा लुंगी चाँद तारों को
नूर कि इबादत कहाँ होने वाली है
रौशनी से कहाँ दिल खाली है
किस्मत की शाम ना ढलने वाली है
आराधना राय "अरु"
मैं तेरा इंतज़ार करती हूँ
रोशनी कम ना थी मेरे दिल में
बस तेरा इंतखाब करती हूँ
सुरमई शाम जब भी आती है
साथ खुशबु संग लाती है
लौट आएगी तेरे दामन में
बच कर ख़ुशी कहाँ जाने वाली है
मैं सजा लुंगी चाँद तारों को
नूर कि इबादत कहाँ होने वाली है
रौशनी से कहाँ दिल खाली है
किस्मत की शाम ना ढलने वाली है
आराधना राय "अरु"
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