अप्सरा को मात
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अप्सराओं में सब से सुंदर अप्सरा ने सोचा आज पृथ्वी लोक जा के वहाँ कि सुंदर स्त्रियों से मिले । जल्दी जल्दी में वो इक
उद्यान में आ गई , किस्मत से वहां सब लडकियाँ और लड़के खड़े थे दिन भी विचित्र 14 फरवरी ।
दृश्य- 1
(उर्वशी इक लड़के से पूछती है )
उर्वशी-- वत्स ये पुष्प क्यों ?
लड़का- आंटी कौन से टी. वी प्रोग्राम के लिए मुझे बकरा बना रहीं है ?
(ऊपर से नीचे उर्वशी को देख कर )
उर्वशी को अपनी गलती का भान होता है और तुरंत गेटउप बदलती है ।
एक सुंदर लड़की के रूप में फिर खड़ी हो जाती है ।
तभी एक लड़का 18-20 साल का आता है हाथों में गुलाब लिए ।
लड़का - विल यु बी मय वेलेंटाइन ?
(उर्वशी से पूछता है)
उर्वशी -( फूल लेते हुए) वो क्या होता है ?
लड़का- नई आई हो दिल्ली में ?
(फुसफुसाते हुए ) लगता है जा गाँव झुमरी तलैया से आई है ।
लड़का- आज तूम मेरी गर्ल फ्रेंड , धुमेगे - फिरेगे. मीठी - मीठी बाते करेगे , अगर तूम मुझे पसंद आई तो पुरे साल साथ रहेगे ।
उर्वशी- अच्छा , आज सब लड़के लडकियाँ ऐसा करते है ?
लड़का-( हैरानी से) हाँ सभी ।
उर्वशी- क्या तुम्हे नाच दिखना होगा ।
लड़का- नहीं , प्यार करना होगा love at first sight ।
उर्वशी-तुम्हारा नाम क्या है ?
लड़का -(मन ही मन ) अब आई ना लाइन पर । उमेश है मेरा नाम ।
उर्वशी - मेरा नाम उर्वशी है ।
दोनों गाना गाते है-- चाहे मेरा कालिज छुटे , चाहे घर में मार पड़े आजा प्यार करे
चाहे तेरी माँ रूठे या चाचा बीमार पड़े आजा प्यार करें ।
(थोड़ी देर घुमने के बाद)
उर्वशी- मेरा गला सुख रहा है उमू ।
लड़का- ओह उमी, चलो आइसक्रीम खिलाता हूँ ।
उमेश नाम का लड़का ओपन कैफ़े में उर्वशी को बैठा कर जाता है ।
तभी लडके का मित्र मिल जाता है ।
दोस्त- अबे तुझे भी कोई मिल गई, आज उमेश गधे ।
उमेश - हाँ बड़ी सुंदर है वो, उर्वशी नाम है ।
दोस्त - लोकल है या बाहर की है ?
उमेश- बेचारी को वेलेंटाइन का मतलब ही नहीं मालूम था (हँसते हुए) ।
दोस्त- चल मेरी तो जेब कट गई आज पटाने में 1000 हज़ार रूपये लग गए ।
उमेश- ये तो एक गुलाब में पट गई ।
उर्वशी के पास कुछ दूर एक लड़की मुस्कुरा रही थी ।
लड़की - (उर्वशी को देख कर ) - first डेट ?
लड़की - एक ही गुलाब में मान गई , तुम्हारे बॉय फ्रेंड नहीं क्या ?
उर्वशी -( हंस कर) नहीं ।
लड़की - (उर्वशी के पास आ कर ) सिली , बुद्धू बन गई , सुंदर तो हो ,पर तुममे अक्ल की कमी है ।
लड़की- अगली बार ध्यान देना , पहले देखना उसके shoes इंटरनेशनल कंपनी के है या नहीं ?
आखिर साल भर etc ,,etc स्टैंडर्ड देखना ज़रूर वर्ना साल खर्चा कैसे उठाएगा नहीं तो दूसरा देखना ।
लड़की कह कर चली गई ।
उर्वशी को लगा क्या कोई खेल मनुष्यों ने बनाया है पर वो तो अपार रूपसी होते हुए भी नयी अप्सराओं के सामने बुद्धू बन गई , कदाचित मोल - भाव करना कहाँ आता है उन्हें वो तो बस इन्द्र को ही नाच कर ख़ुश करती है , पर बिना रूप और विद्या के ये कौन सी अपसराए है ,जो इतना अर्जित करने के तरीके जानती है। अब इन्द्र को जा कर बताने से तो अच्छा था की पृथ्वी लोक में , पहली बार उर्वशी को मात मिली है, क्योकि प्रेम अब व्यापार हो गया है ,यह अनुभव होते ही उदास उर्वशी , विलीन हो वापस लौट गई ।
लड़का और लड़के का दोस्त आते है और किसी को नहीं देखते ।
उमेश--अरे यार अभी तो यही थी ?,
दोस्त- तू ही खा ले यह आइसक्रीम, वो गई किसी के साथ ।
(दोनों दोस्त जोर से हँसते है और अलग हो
जाते है ।)
आराधना राय अरु
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