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नये युग की प्रीत नज़्म




इश्क़ में हार - जीत की बाज़ी है
हर शक्स इस खेल से राज़ी है

हुई किसकी ख़ुशी से सगाई है
दहेज़ संग कितना  यहाँ लाई है

हिना कितनी हाथों पे लगाई है
महक उड़ गयी लकीरे लगाई है

चाँद का अक्स रोज़ -रोज़ देखा है
 पैरों उचक कर हर पल को रोका है

हजारों में  रिश्ता माँ का होता है
पाक-साफ  "अरु" प्यार होता है

आराधना राय अरु


ہر شكس اس کھیل سے راضی ہے

ہوئی کس کی خوشی سے منگنی ہے
دهےذ ساتھ کتنا یہاں لائی ہے

حنا کتنی ہاتھوں پہ لگائی ہے
مہک اڑ گئی لكيرے لگائی hi

چاند کا عکس روز -روذ دیکھا ہے
  پیروں اچک کر ہر لمحے کو روکا ہے

ہزاروں کی تعداد میں رشتہ ماں کا ہوتا ہے
پاک صاف "ار" محبت ہوتی ہے

آرادنا رائے


Ishq defeat - is bet to win
Everyone agrees with this game Simpsons

Who has been engaged to gladly
What has brought him here dowry

Henna is made on how many hands
Hi had flew away smelling Lkire

Rose is a reflection of the moon seen -rojh
 Every moment is prevented legs super-

Education is the mother of thousands
Clean "Aru" would love

Worship opinion Aru

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गीत---- नज़्म

आपकी बातों में जीने का सहारा है राब्ता बातों का हुआ अब दुबारा है अश्क ढले नगमों में किसे गवारा है चाँद तिरे मिलने से रूप को संवारा है आईना बता खुद से कौन सा इशारा है मस्त बहे झोकों में हसीन सा नजारा है अश्कबार आँखों में कौंध रहा शरारा है सिमटी हुई रातों में किसने अब पुकारा है आराधना राय "अरु"
आज़ाद नज़्म पेड़ कब मेरा साया बन सके धुप के धर मुझे  विरासत  में मिले आफताब पाने की चाहत में नजाने  कितने ज़ख्म मिले एक तू गर नहीं  होता फर्क किस्मत में भला क्या होता मेरे हिस्से में आँसू थे लिखे तेरे हिस्से में मेहताब मिले एक लिबास डाल के बरसो चले एक दर्द ओढ़ ना जाने कैसे जिए ना दिल होता तो दर्द भी ना होता एक कज़ा लेके हम चलते चले ----- आराधना  राय कज़ा ---- सज़ा -- आफताब -- सूरज ---मेहताब --- चाँद

नज्म चाँद रात

हाथो पे लिखी हर तहरीर को मिटा रही हूँ अपने हाथों  से तेरी तस्वीर मिटा रही हूँ खुशबु ए हिना से ख़ुद को बहला रही हूँ हिना ए रंग मेरा लहू है ये कहला रही हूँ दहेज़ क्या दूँ उन्हें मैं खुद सुर्ख रूह हो गई चार हर्फ चांदी से मेहर  के किसको दिखला रही हूँ सौगात मिली चाँद रात चाँद अब ना रहेगा साथ खुद से खुद की अना को "अरु" बतला रही हूँ आराधना राय "अरु"