साभार गुगल
आज रंज ओ गम का रंग जाता नहीं
मय -ओ मीना का समा भाता नहीं
मैंने दुनियाँ का चलन सीखा नहीं
बढ़ कर मेरा हाथ उसने थामा नहीं
हमसफर कब तू मेरे साथ साथ था
या गम ए दिल ने तुझे पहचाना नहीं
कल तलक सफर में थे मेरे आस पास
आज कोई आवाज़ दे कर बुलाता नहीं
आराधना राय अरु
Comments