साभार गुगल
सुबह होते ही तू याद आता है
ए जालिम तू कितना सताता है
ना मिला वो कोई रंज नहीं
उसका दुख रह रह के बताता है
यूँ तो मेरा वो लगता कोई नहीं
उसका मेरा सदियों का नाता है
ना मिला वो कोई रंज नहीं
उसका दुख रह रह के बताता है
उसका दुख रह रह के बताता है
आराधना राय
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