लगी थी तोमहते उस पर जमाने में
एक मुद्दत लगी उसे घर लौट के आने में
हम मशगुल थे घर दिया ज़लाने में
लग गई आग सारे जमाने में
लगेगी सदिया रूठो को मानने में
अजब सी बात है ये दिल के फसाने में
उम्र गुजरी है एक एक पैसा कमाने में
मिट्टी से खुद घर अपना बनाने में
आराधना राय
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